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Malappuram(Kerala).मलप्पुरम (केरल): केरल की एक अदालत ने गुरुवार को मैसूर के एक पारंपरिक चिकित्सक के अपहरण और 2019 में यहां नीलांबुर में एक आरोपी के घर पर उसकी नृशंस हत्या के मामले में तीन लोगों को दोषी पाया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश 1 तुषार एम ने 60 वर्षीय शबा शरीफ के अपहरण और हत्या के सिलसिले में आईपीसी के तहत आपराधिक साजिश, गलत तरीके से बंधक बनाने और सबूत नष्ट करने के अपराधों के लिए शैबिन अशरफ, शिहाबुद्धीन और निशाद को दोषी ठहराया। अदालत ने शिहाबुद्धीन को अपहरण के अपराध और अशरफ को आईपीसी के तहत गैर इरादतन हत्या के अपराध में भी दोषी ठहराया। उनकी सजा का आदेश 22 मार्च को सुनाए जाने की संभावना है। अदालत ने मामले में आरोपी नौ अन्य को बरी कर दिया। तीनों को दोषी ठहराए जाने के बाद मामले के अभियोक्ता ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि अशरफ की कार में मिला एक बाल यह साबित करने में सहायक सिद्ध हुआ कि शरीफ की हत्या की गई थी और उसके शव को आरोपियों ने ठिकाने लगाया था।
अभियोक्ता ने कहा, "शरीर या शरीर के किसी अंग का कोई निशान नहीं मिला था, इसलिए आरोपी के खिलाफ मामला साबित करना बहुत चुनौतीपूर्ण था।" उन्होंने पुलिस द्वारा की गई जांच की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बालों में पाए गए शरीफ के माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए के माध्यम से आरोपी के खिलाफ अपराध साबित करना संभव था। अभियोक्ता ने कहा, "हम उसके अपहरण, गलत तरीके से बंधक बनाए जाने और हत्या को साबित करने में सक्षम थे।" अपहरण और हत्या का मामला 2022 में एक चोरी के मामले की जांच के दौरान सामने आया था। यहां केपंचेरी के रहने वाले व्यवसायी अशरफ ने अपने कुछ सहयोगियों के खिलाफ चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद सहयोगियों ने राज्य की राजधानी में सचिवालय के सामने आत्मदाह का प्रयास करके हंगामा किया था, उनका दावा था कि उन्हें व्यवसायी द्वारा धमकाया जा रहा है।
उन्हें गिरफ्तार कर मलप्पुरम पुलिस को सौंप दिया गया और उनसे पूछताछ के दौरान मैसूर के पारंपरिक चिकित्सक के अपहरण और हत्या का खुलासा हुआ। आरोपियों में से एक ने पुलिस को एक पेनड्राइव भी सौंपी, जिसमें पीड़ित को अशरफ के घर में कैद करके रखे जाने का वीडियो था। बाद की जांच में पता चला कि शरीफ के परिवार ने 2019 में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने पाया कि अपहरण के बाद शरीफ को बवासीर के इलाज के लिए चिकित्सक के गुप्त औषधीय नुस्खे के लिए अशरफ के घर में एक साल से अधिक समय तक कैद में क्रूर यातनाएं दी गईं। हालांकि, पुलिस के अनुसार, शरीफ की यातना के दौरान लगी चोटों के कारण मौत हो गई और उसके शरीर को टुकड़ों में काटकर नदी में फेंक दिया गया। अशरफ की योजना दवा का फार्मूला हासिल करने के बाद एक क्लीनिक खोलने और भारी मुनाफा कमाने की थी। लेकिन, उसके और उसके साथियों के बीच अनबन हो गई, जिसके कारण उन्होंने अशरफ के कुछ कीमती सामान और नकदी चुरा ली और उसने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी।
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Payal
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