Kathgodam: बासुली गांव में साइबर ठगी का नेटवर्क सक्रिय, छापेमारी में छह गिरफ्तार

रुद्रपुर: एसटीएफ, साइबर थाना कुमाऊं और काठागोदाम पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में निर्माणाधीन होमस्टे के दो कमरों में चल रहे साइबर ठग गिरोह के सेंटर का भंडाफोड़ किया है। संयुक्त टीम ने सेंटर में गिरोह के लिए काम कर रहे छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
उनके कब्जे से छह महंगे लैपटॉप, 23 मोबाइल, 17 सिम कार्ड, नौ बैक खातो का विवरण, बार कोड स्कैनर, वाईफाई डिवाइस, एटीएम कार्ड और चेकबुक बरामद हुई हैं। इस मामले में काठगोदाम थाने में केस दर्ज किया गया है।
शुक्रवार को एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन कुमाऊं को काठगोदाम में साइबर ठगी के बड़े गिरोह की मौजूदगी का पता चला था। इस पर टीम ने जानकारी जुटानी शुरू की। जांच में पता चला कि काठगोदाम के ग्राम बासुली अमृतपुर में विक्की जोशी के निर्मााणाधीन होमस्टे के बाहरी दो कमरों में रहकर कुछ युवक लैपटॉप व मोबाइल से साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं।
बृहस्पतिवार रात को साइबर थाना पुलिस, एसटीएफ और काठगोदाम पुलिस ने संयुक्त रूप से निर्माणाधीन होम स्टे में दबिश देकर छह युवकों को गिरफ्तार किया। एसएसपी ने बताया कि आरोपी साइबर अपराधियों से जुड़े थे। साइबर अपराधी इंटरनेट का इस्तेमाल कर व्हटसएप और टेलीग्राम ग्रुपों से विभिन्न लोगों के नाम पर खुलवाए गए बैंक खाते इन युवकों को उपलब्ध कराते थे। इसके बाद ये युवक बैंक खातों में भारत के अलग-अलग स्थानों से साइबर ठगी के शिकार हुए लोगों का धन मंगवाकर उसे ट्रांसफर करते थे। पकड़े गए आरोपियों का संपर्क सचिन मित्तल, प्रियांशु शर्मा व सौरभ तिवारी के जरिये साइबर गिरोह से हुआ था। उन्होंने बताया कि उक्त तीनों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
इनकी हुई गिरफ्तारी
जतिन पांडे निवासी ग्राम अमृतपुर थाना भीमताल।
कमल किशोर निवासी ग्राम जाड़ापानी पोस्ट धानाचूली थाना मुक्तेश्वर।
हर्ष बोरा निवासी ग्राम किशनपुर रैकवाल गौलापार, काठगोदाम।
कौशल किशोर उर्फ आशीष ठाकुर निवासी ग्राम बराहीमपुर, थाना सोरीक, कन्नौज।
प्रेम कुमार निवासी धौलाखेडा डीआरडीओ रोड नियर शिव मंदिर गोरापड़ाव, हल्द्वानी व मूल निवासी ग्राम वर्मा नगर, थाना सिकन्दराबाद जिला खीरी।
करन केवट निवासी धौलाखेड़ा डीआरडीओ रोड, गोरापडाव हल्द्वानी व मूल निवासी ग्राम बडरीयादल पकड़ीबाजार चौराहे के अंदर थाना पकड़ी बाजार देवरिया।
सचिन मित्तल चला रहा है ठगी का सेंटर
एसटीएफ एसएसपी ने बताया कि सेंटर का स्थानीय संचालक जतिन पांडे था। पूछताछ में जतिन ने बताया कि सेंटर को सचिन मित्तल निवासी अज्ञात संचालित कर रहा था। टेलीग्राम ग्रुप से संपर्क होने के बाद उसकी मुलाकात 18 मार्च को भीमताल में सचिन से हुई थी और 15 अप्रैल को हल्द्वानी में सचिन के साथ प्रियांश शर्मा निवासी हल्द्वानी उससे मिला था। सचिन, प्रियांशु, कमल किशोर व हर्ष बोरा के साथ वह बासुली गांव आया था। सचिन और प्रियांश ने दो कमरों में उनकी व्यवस्था की थी। उनको ऑनलाइन लैपटॉप में व्हाट्सएप से उपलब्ध कराए बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर करने का काम दिया गया था। इसके लिए सचिन ने ही लैपटॉप व मोबाइल उपलब्ध कराए थे। इनमें एप्लीकेशन पहले से ही इंस्टाॅल थे। उसको 25 हजार और कमल किशोर व हर्ष बोरा को 20 हजार रुपये प्रतिमाह देना तय हुआ था।
दो दिन तक सचिन ने दी थी ट्रेनिंग
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि सचिन ने सभी को दो दिन तक सेंटर में आकर ट्रेनिंग दी थी। उनको बैंक खातों में धन आने और उनके ट्रांजेक्शन संबंधी मैसेज व ओटीपी व्हाट्सएप से दिए गए ग्रुप में भेजने व्हाटसएप गुप्र में भेजने और लैपटॉप के माध्यम से चार वेबसाइट पर लॉगिन आईडी बनाने और लॉगिन आईडी कस्टमर से बार कोड के माध्यम से बैंक खाते की डिटेल भेजकर धन प्राप्त करने के बारे में समझाया था। बैक खाते के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के माध्यम से नेट बैकिंग कर बैंक खाते में प्राप्त धन को अन्य खातों में ट्रांसफर करने का प्रशिक्षण दिया था।
स्पीड पोस्ट से आता था बैंक खाते का विवरण और सिम
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास बैंक खाते का पूर्ण विवरण व उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का सिम स्पीड पोस्ट के माध्यम से सौरभ तिवारी के पते पर आता था। इस बैंक खाते का इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी का धन प्राप्त करने के लिए होता था। इन सभी बैंक खातों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर सचिन मित्तल की ओर से उपलब्ध कराए गए थे। 17 मोबाइलों में अलग-अलग तिथियों में सिम का इस्तेमाल किया गया था। बरामद सिम से संबंधित बैंक खाते ठगी की शिकायत के बाद फ्रीज हो जाते थे। वर्तमान में उत्कर्ष बैंक के दो खातों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
विभिन्न राज्यों में दर्ज मिलीं 12 शिकायतें
संयुक्त टीम ने खातों को खंगाला तो उसमें प्रतिमाह करोड़ों रुपये का लेन-देन होना प्रकाश में आया है। प्राप्त बैक खातों के विवरण को जेआईएमएस पोर्टल पर जांचने पर इन खातों के विरुद्ध अलग-अलग राज्यों से 12 ठगी की शिकायतें दर्ज मिली हैं। इसके संबंध में अन्य राज्यों की पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा है। बरामद लैपटाॅप एप्पल, मैकबुक, एसुस, लेनोवा और मोबाइल फोन आईफोन, सैमसंग, नथिंग और रेडमी कंपनियों के एक लाख से अधिक कीमत के हैं।
रहने खाने का भरपूर इंतजाम, बाहर जाने पर मनाही
ग्राम बासुली में दो कमरों में चल रहे ठगी गैंग के केंद्र से दबोचे गए सभी छह आरोपियों के लिए सारे इंतजाम किए गए थे। यहां पर बेड, गद्दे, टेबल, कुर्सी, कूलर, इनवर्टर इत्यादि की व्यवस्था की गई थी। इन कमराें में 24 घंटे काम होता था और दो-दो आरोपी शिफ्ट में काम करते थे। आरोपियों को केंद्र से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। उनके व्यक्तिगत मोबाइल में ठगी संबंधी कोई डाटा नहीं मिला है।
ये रहे टीम में शामिल
एसटीएफ इंस्पेक्टर एमपी सिंह, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अरुण कुमार, काठगोदाम थानाध्यक्ष पंकज जोशी, एसटीएफ एसआई ब्रजभूषण गुरूरानी, अपर उपनिरीक्षक सतेंद्र गंगोला, प्रकाश भगत, हेड कांस्टेबल सोनू पांडे, सुरेंद्र सांमत, रविंद्र सिंह, जगपाल सिंह, गोविंद सिंह, कांस्टेबल जितेंद्र कुमार, गुरुवंत सिंह और भानू प्रताप।
