
कुवैत | कुवैत में पिछले कुछ महीनों में सरकार ने एक बड़ा और विवादास्पद कदम उठाया है। नए अमीर मिशाल अल-अहमद अल-जाबेर अल-सबाह के नेतृत्व में कुवैत ने 42,000 लोगों की नागरिकता रद्द कर दी है। कुवैती सरकार के अनुसार, यह कार्रवाई उन विदेशियों के खिलाफ की गई है जिन्होंने अवैध तरीके से कुवैती नागरिकता प्राप्त की थी।
क्या है नागरिकता रद्द करने का कारण?
कुवैत सरकार का कहना है कि इन नागरिकों ने या तो गलत दस्तावेज़ों के जरिए या धोखाधड़ी से कुवैती नागरिकता हासिल की थी। यह कदम कुवैत की राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। कुवैत में नागरिकता की प्रक्रिया को लेकर पारदर्शिता की कमी को लेकर कई बार सवाल उठाए गए हैं, और अब सरकार ने इसे सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
कैसे होती थी नागरिकता धोखाधड़ी?
कुवैत में नागरिकता धोखाधड़ी करने के कई तरीके रहे हैं, जिसमें झूठे दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता का दावा करना या विशेष प्रभावशाली व्यक्तियों के जरिए कुवैती पासपोर्ट हासिल करना शामिल है। सरकार का कहना है कि कुवैती नागरिकता पाने वाले इन लोगों में से अधिकांश ने इस प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया और कुवैत के सामाजिक और राजनीतिक तंत्र को नुकसान पहुँचाया।
क्या कदम उठाए जाएंगे अब?
नागरिकता रद्द किए गए लोगों को कुवैत छोड़ने के लिए कहा जा सकता है, और उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह कदम कुवैती सरकार की ओर से देश के भीतर व्याप्त असमानताओं और अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने का हिस्सा माना जा रहा है।
कुवैत में नागरिकता प्रणाली को लेकर नई दिशा
कुवैत की नागरिकता प्रणाली में इस बदलाव के बाद कई सुधार की संभावना जताई जा रही है। कुवैत सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल सही प्रक्रिया से ही नागरिकता दी जाए और देश में कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाए।
कुवैत सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कदम एकतरफा नहीं है, बल्कि सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए आवश्यक था। ऐसे में कुवैती नागरिकों और विदेशियों दोनों के लिए यह संदेश है कि अब सरकार नागरिकता देने में सख्त रहेगी और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या अवैध तरीकों से नागरिकता प्राप्त करने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
